अनर्थदंडव्रत: Difference between revisions
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<p> गुणव्रत के तीन भेदों में तीसरा भेद-बिना किसी प्रयोजन के होने वाले विविध पापारंभों का त्याग । इसके पाँच भेद है—पापोपदेश, अपध्यान, प्रमादाचरित, हिंसादान और अशुभश्रुति (दुःश्रुति) । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48-146, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 14.198, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 18.49 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> गुणव्रत के तीन भेदों में तीसरा भेद-बिना किसी प्रयोजन के होने वाले विविध पापारंभों का त्याग । इसके पाँच भेद है—पापोपदेश, अपध्यान, प्रमादाचरित, हिंसादान और अशुभश्रुति (दुःश्रुति) । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48-146, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 14.198, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 18.49 </span></p> | ||
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Revision as of 16:51, 14 November 2020
गुणव्रत के तीन भेदों में तीसरा भेद-बिना किसी प्रयोजन के होने वाले विविध पापारंभों का त्याग । इसके पाँच भेद है—पापोपदेश, अपध्यान, प्रमादाचरित, हिंसादान और अशुभश्रुति (दुःश्रुति) । हरिवंशपुराण 48-146, पांडवपुराण 14.198, वीरवर्द्धमान चरित्र 18.49