आदित्यप्रभ: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>( महापुराण सर्ग संख्या 59/श्लोक) लांतवस्वर्गका देव था (280) पूर्व भवके भाई मुनिका उपसर्ग दूर किया (131-132) तदनंतर स्वर्गसे च्युत हो विमलनाथ | <p>( महापुराण सर्ग संख्या 59/श्लोक) लांतवस्वर्गका देव था (280) पूर्व भवके भाई मुनिका उपसर्ग दूर किया (131-132) तदनंतर स्वर्गसे च्युत हो विमलनाथ भगवान का मेरु नामक गणधर हुआ (302-306) </p> | ||
Revision as of 09:31, 7 August 2022
( महापुराण सर्ग संख्या 59/श्लोक) लांतवस्वर्गका देव था (280) पूर्व भवके भाई मुनिका उपसर्ग दूर किया (131-132) तदनंतर स्वर्गसे च्युत हो विमलनाथ भगवान का मेरु नामक गणधर हुआ (302-306)