आशालिका: Difference between revisions
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Revision as of 16:19, 19 August 2020
मायामय प्राकार की निर्मात्री एक विद्या । रावण ने उपरंभा से यह विद्या प्राप्त करके नलकूबर को जीता था । इसी विद्या के द्वारा रावण ने लंका के चारों ओर मायामयी कोट का निर्माण कराया था जिसका हनुमान ने भंग किया था । पद्मपुराण 12. 137-145 52.15-22