इष्टवियोगज: Difference between revisions
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<p> आर्त्तध्यान का प्रथम भेद । आर्त्तध्यानी इष्ट वस्तु का वियोग होने पर उसके सयोग के लिए बार-बार चिंतन करता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 21.31-36 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> आर्त्तध्यान का प्रथम भेद । आर्त्तध्यानी इष्ट वस्तु का वियोग होने पर उसके सयोग के लिए बार-बार चिंतन करता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 21.31-36 </span></p> | ||
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Revision as of 16:52, 14 November 2020
आर्त्तध्यान का प्रथम भेद । आर्त्तध्यानी इष्ट वस्तु का वियोग होने पर उसके सयोग के लिए बार-बार चिंतन करता है । पद्मपुराण 21.31-36