ऋषिदत्ता: Difference between revisions
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<p> चंदनवन नगर के राजा अमोघदर्शन तथा रानी चारुमति की कन्या, चारुचंद्र की बहिन । इसने एक चारणऋद्धिधारी मुनि से अणुव्रत धारण किये थे । श्रावस्ती के राजा शांतायुध के पुत्र से इसका विवाह हुआ । इसके एक पुत्र भी उत्पन्न हुआ था किंतु प्रसुति के बाद ही इसका मरण हो गया । सम्यग्दर्शन के प्रभाव से यह ज्वलननप्रभवल्लभा नाम की नागकुमारी हुई । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 29. 24-47 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> चंदनवन नगर के राजा अमोघदर्शन तथा रानी चारुमति की कन्या, चारुचंद्र की बहिन । इसने एक चारणऋद्धिधारी मुनि से अणुव्रत धारण किये थे । श्रावस्ती के राजा शांतायुध के पुत्र से इसका विवाह हुआ । इसके एक पुत्र भी उत्पन्न हुआ था किंतु प्रसुति के बाद ही इसका मरण हो गया । सम्यग्दर्शन के प्रभाव से यह ज्वलननप्रभवल्लभा नाम की नागकुमारी हुई । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 29. 24-47 </span></p> | ||
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Revision as of 16:52, 14 November 2020
चंदनवन नगर के राजा अमोघदर्शन तथा रानी चारुमति की कन्या, चारुचंद्र की बहिन । इसने एक चारणऋद्धिधारी मुनि से अणुव्रत धारण किये थे । श्रावस्ती के राजा शांतायुध के पुत्र से इसका विवाह हुआ । इसके एक पुत्र भी उत्पन्न हुआ था किंतु प्रसुति के बाद ही इसका मरण हो गया । सम्यग्दर्शन के प्रभाव से यह ज्वलननप्रभवल्लभा नाम की नागकुमारी हुई । हरिवंशपुराण 29. 24-47