एकदंडधर: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
(No difference)
|
Revision as of 16:20, 19 August 2020
तीर्थंकर वृषभदेव के साथ दीक्षित हुए किंतु परीषह सहने में असमर्थ, वनदेवता के भय से भयभीत, पथभ्रष्ट, कंदमूल-फल भोजी और वन-उटज निवासी एकदंडधारी परिव्राजक । महापुराण 18. 51-60