आमुंडा: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[षट्खण्डागम]] पुस्तक संख्या १३/५,५ सू.३९/२४३ आवायो ववसायो बुद्धि विण्णाणी आउंडी पच्चाउंडी ।।३९।। आमुँड्यते संकोच्यते वितर्कितोऽर्थः अनयेति आमंडा।< | <p class="SanskritPrakritSentence">[[षट्खण्डागम]] पुस्तक संख्या १३/५,५ सू.३९/२४३ आवायो ववसायो बुद्धि विण्णाणी आउंडी पच्चाउंडी ।।३९।। आमुँड्यते संकोच्यते वितर्कितोऽर्थः अनयेति आमंडा।</p> | ||
<p class="HindiSentence">= अवाय, व्यवसाय, बुद्धि, विज्ञप्ति, आमुण्डा, प्रत्यामुंडा ये पर्याय नाम हैं ।।३९।। ...जिसके द्वारा वितर्कित अर्थ `आमुंड्यते' अर्थात् संकोचित किया जाता है वह आमुंडा है।</p> | <p class="HindiSentence">= अवाय, व्यवसाय, बुद्धि, विज्ञप्ति, आमुण्डा, प्रत्यामुंडा ये पर्याय नाम हैं ।।३९।। ...जिसके द्वारा वितर्कित अर्थ `आमुंड्यते' अर्थात् संकोचित किया जाता है वह आमुंडा है।</p> | ||
[[Category:आ]] | [[Category:आ]] | ||
[[Category:षट्खण्डागम]] | [[Category:षट्खण्डागम]] |
Revision as of 11:25, 25 May 2009
षट्खण्डागम पुस्तक संख्या १३/५,५ सू.३९/२४३ आवायो ववसायो बुद्धि विण्णाणी आउंडी पच्चाउंडी ।।३९।। आमुँड्यते संकोच्यते वितर्कितोऽर्थः अनयेति आमंडा।
= अवाय, व्यवसाय, बुद्धि, विज्ञप्ति, आमुण्डा, प्रत्यामुंडा ये पर्याय नाम हैं ।।३९।। ...जिसके द्वारा वितर्कित अर्थ `आमुंड्यते' अर्थात् संकोचित किया जाता है वह आमुंडा है।