गुरुस्थानाभपगमक्रिया: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
(No difference)
|
Revision as of 16:22, 19 August 2020
गर्भान्वय की त्रेपन क्रियाओं में सत्ताईसवीं क्रिया-सर्वविद्यावान् और जितेंद्रिय साधु का गुरु के अनुग्रह से गुरु का स्थान ग्रहण करना । ऐसा यही साधु कर सकता है, जो ज्ञानविज्ञान से संपन्न हो, गुरु को इष्ट हो और विनयवान् तथा धर्मात्मा हो । महापुराण 38.58,163-167