गंधोत्कट: Difference between revisions
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<p> हेमांगद देश में राजपुर नगर का निवासी एफ राजमान्य सेठ । अपने मृत पुत्र को श्मशान ले जाने पर वहाँ इसे एक जीवित बालक पड़ा हुआ मिला । वह उसे अपने घर ले आया । इसकी पत्नी नंदा ने इसे प्रसन्नतापूर्वक ग्रहण कर इसका नाम जीवंधर रखा । राजा सत्यंधर की भामारति और अनंगपताका नाम की दो छोटी रानियों के दीक्षित होने पर उनके पुत्रों का भी इसी ने पालन किया था । जीवंधर के आने के पश्चात् इसके एक पुत्र और हुआ । उसका नाम नंदाद्य था । <span class="GRef"> महापुराण 75.198,242-279 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> हेमांगद देश में राजपुर नगर का निवासी एफ राजमान्य सेठ । अपने मृत पुत्र को श्मशान ले जाने पर वहाँ इसे एक जीवित बालक पड़ा हुआ मिला । वह उसे अपने घर ले आया । इसकी पत्नी नंदा ने इसे प्रसन्नतापूर्वक ग्रहण कर इसका नाम जीवंधर रखा । राजा सत्यंधर की भामारति और अनंगपताका नाम की दो छोटी रानियों के दीक्षित होने पर उनके पुत्रों का भी इसी ने पालन किया था । जीवंधर के आने के पश्चात् इसके एक पुत्र और हुआ । उसका नाम नंदाद्य था । <span class="GRef"> महापुराण 75.198,242-279 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
हेमांगद देश में राजपुर नगर का निवासी एफ राजमान्य सेठ । अपने मृत पुत्र को श्मशान ले जाने पर वहाँ इसे एक जीवित बालक पड़ा हुआ मिला । वह उसे अपने घर ले आया । इसकी पत्नी नंदा ने इसे प्रसन्नतापूर्वक ग्रहण कर इसका नाम जीवंधर रखा । राजा सत्यंधर की भामारति और अनंगपताका नाम की दो छोटी रानियों के दीक्षित होने पर उनके पुत्रों का भी इसी ने पालन किया था । जीवंधर के आने के पश्चात् इसके एक पुत्र और हुआ । उसका नाम नंदाद्य था । महापुराण 75.198,242-279