चंद्रपुर: Difference between revisions
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विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर–देखें [[ विद्याधर ]]। | विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर–देखें [[ विद्याधर ]]। | ||
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<p id="1"> (1) विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी का एक सुंदर और सुरक्षित नगर । <span class="GRef"> महापुराण 19.52-53, 71.405 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी का एक सुंदर और सुरक्षित नगर । <span class="GRef"> महापुराण 19.52-53, 71.405 </span></p> | ||
<p id="2">(2) भरतक्षेत्र का एक सुंदर नगर । यहाँ काश्यपगोत्री महासेन राजा राज्य करता था । उसकी रानी लक्ष्मणा ने तीर्थंकर चंद्रप्रभ को जन्म दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 54.163-170, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 44 </span></p> | <p id="2">(2) भरतक्षेत्र का एक सुंदर नगर । यहाँ काश्यपगोत्री महासेन राजा राज्य करता था । उसकी रानी लक्ष्मणा ने तीर्थंकर चंद्रप्रभ को जन्म दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 54.163-170, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 44 </span></p> | ||
<p id="3">(3) इसी नगर में राजा हरि और उसकी रानी श्रीधरा के व्रतकीर्तन नाम का पुत्र हुआ था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.135 </span></p> | <p id="3">(3) इसी नगर में राजा हरि और उसकी रानी श्रीधरा के व्रतकीर्तन नाम का पुत्र हुआ था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.135 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर–देखें विद्याधर ।
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी का एक सुंदर और सुरक्षित नगर । महापुराण 19.52-53, 71.405
(2) भरतक्षेत्र का एक सुंदर नगर । यहाँ काश्यपगोत्री महासेन राजा राज्य करता था । उसकी रानी लक्ष्मणा ने तीर्थंकर चंद्रप्रभ को जन्म दिया था । महापुराण 54.163-170, पद्मपुराण 20. 44
(3) इसी नगर में राजा हरि और उसकी रानी श्रीधरा के व्रतकीर्तन नाम का पुत्र हुआ था । पद्मपुराण 5.135