जितदंड: Difference between revisions
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पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार आप नागहस्ती के शिष्य तथा नंदिषेण के गुरु थे।–देखें [[ इतिहास#7.8 | इतिहास - 7.8]]। | पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार आप नागहस्ती के शिष्य तथा नंदिषेण के गुरु थे।–देखें [[ इतिहास#7.8 | इतिहास - 7.8]]। | ||
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<p> लोहाचार्य के बाद हुए अनेक आचार्यों मे एक आचार्य ये नागहस्ती के शिष्य और नंदिषेण के गुरू थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 66.24-27 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> लोहाचार्य के बाद हुए अनेक आचार्यों मे एक आचार्य ये नागहस्ती के शिष्य और नंदिषेण के गुरू थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 66.24-27 </span></p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार आप नागहस्ती के शिष्य तथा नंदिषेण के गुरु थे।–देखें इतिहास - 7.8।
पुराणकोष से
लोहाचार्य के बाद हुए अनेक आचार्यों मे एक आचार्य ये नागहस्ती के शिष्य और नंदिषेण के गुरू थे । हरिवंशपुराण 66.24-27