अदंतधोवन: Difference between revisions
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<p | <p>= अंगुली, नख, दातौन, तृणविशेष, पैनीकंकणी, वृक्षकी छाल (वक्कल), आदि कर दाँत के मल को नहीं शुद्ध करना वह इन्द्रिय संयम की रक्षा करनेवाला अदंतधोवन मूल गुण है।</p> | ||
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Revision as of 16:54, 10 June 2020
मूलाचार गाथा 33 अंगुलिणहावलेहणिकलीहिं पासाणछल्लियादीहिं। दंतमलासोहणयं संजमगुत्ती अदंतमणं।
= अंगुली, नख, दातौन, तृणविशेष, पैनीकंकणी, वृक्षकी छाल (वक्कल), आदि कर दाँत के मल को नहीं शुद्ध करना वह इन्द्रिय संयम की रक्षा करनेवाला अदंतधोवन मूल गुण है।