देविला: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के मगध देश में शाल्मलिखंड ग्राम के निवासी जयदेव की पत्नी और पद्मदेवी की जननी । <span class="GRef"> महापुराण 71.466-447, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 108-109 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के मगध देश में शाल्मलिखंड ग्राम के निवासी जयदेव की पत्नी और पद्मदेवी की जननी । <span class="GRef"> महापुराण 71.466-447, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 108-109 </span></p> | ||
<p id="2">(2) कृष्ण की पटरानी जांबवती के छठे पूर्वभव का नाम । उस भव में यह जंबूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में पुष्कलावती देश के वीतशोक-नगर के वैश्य दमक और उसकी स्त्री देवमति की पुत्री थी । यह वसुमित्र से विवाहित हुई थी । कुछ ही समय में यह विधवा हो जाने से विरक्त होकर सती हुई तथा आयु के अंत में भरकर मेरुपर्वत के नंदन-वन मे व्यंतरी हुई । <span class="GRef"> महापुराण 71. 360-362 </span></p> | <p id="2">(2) कृष्ण की पटरानी जांबवती के छठे पूर्वभव का नाम । उस भव में यह जंबूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में पुष्कलावती देश के वीतशोक-नगर के वैश्य दमक और उसकी स्त्री देवमति की पुत्री थी । यह वसुमित्र से विवाहित हुई थी । कुछ ही समय में यह विधवा हो जाने से विरक्त होकर सती हुई तथा आयु के अंत में भरकर मेरुपर्वत के नंदन-वन मे व्यंतरी हुई । <span class="GRef"> महापुराण 71. 360-362 </span></p> | ||
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Revision as of 16:54, 14 November 2020
(1) भरतक्षेत्र के मगध देश में शाल्मलिखंड ग्राम के निवासी जयदेव की पत्नी और पद्मदेवी की जननी । महापुराण 71.466-447, हरिवंशपुराण 60. 108-109
(2) कृष्ण की पटरानी जांबवती के छठे पूर्वभव का नाम । उस भव में यह जंबूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में पुष्कलावती देश के वीतशोक-नगर के वैश्य दमक और उसकी स्त्री देवमति की पुत्री थी । यह वसुमित्र से विवाहित हुई थी । कुछ ही समय में यह विधवा हो जाने से विरक्त होकर सती हुई तथा आयु के अंत में भरकर मेरुपर्वत के नंदन-वन मे व्यंतरी हुई । महापुराण 71. 360-362
(3) पोदनपुर के राजा चंद्रदत्त की रानी, इंद्रवर्मा की जननी । महापुराण 72.204-205