धृतराष्ट्र: Difference between revisions
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―( पांडवपुराण/ सर्ग/श्लोक) भीष्म के सौतेले भाई व्यास का पुत्र था। (7/117)। इसके दुर्योधन आदि सौ कौरव पुत्र थे। (8/183-205)। मुनियों से भावी युद्ध में उन पुत्रों की मृत्यु जानकर दीक्षित हो गया। (10/12-16) | ―(<span class="GRef"> पांडवपुराण/ </span>सर्ग/श्लोक) भीष्म के सौतेले भाई व्यास का पुत्र था। (7/117)। इसके दुर्योधन आदि सौ कौरव पुत्र थे। (8/183-205)। मुनियों से भावी युद्ध में उन पुत्रों की मृत्यु जानकर दीक्षित हो गया। (10/12-16) | ||
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Revision as of 13:00, 14 October 2020
== सिद्धांतकोष से == ―( पांडवपुराण/ सर्ग/श्लोक) भीष्म के सौतेले भाई व्यास का पुत्र था। (7/117)। इसके दुर्योधन आदि सौ कौरव पुत्र थे। (8/183-205)। मुनियों से भावी युद्ध में उन पुत्रों की मृत्यु जानकर दीक्षित हो गया। (10/12-16)
पुराणकोष से
हस्तिनापुर नगर के कौरववंशी राजा धृतराज और उसकी रानी अंबिका का ज्येष्ठ पुत्र, पांडु और विदुर का अग्रज । इसका विवाह नरवृष्टि की पुत्री गांधारी से हुआ था तथा इससे इसके दुर्योधन आदि सौ पुत्र हुए थे । महापुराण 70. 101, 117-118 हरिवंशपुराण 45.33-35 पांडवपुराणकार ने गांधारी के पिता का नाम भोजकवृष्टि दिया है । पांडवपुराण 8.108-111, 187-205 सुव्रत मुनि से कुरुक्षेत्र के युद्ध में अपने पुत्रों का मरण जानकर, पुत्रों और निज को धिक्कारते हुए स्त्रियों को जीवनहारिणी और पुत्रों को बेड़ी स्वरूप समझकर ससार के भोगो से विरक्त होकर गांगेय और द्रोण के सान्निध्य मे पुत्रों को राज्य सौंप करके इसने दीक्षा ग्रहण कर की थी । पांडवपुराण 9.226-227, 10.3-16