निर्जरानुप्रेक्षा: Difference between revisions
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<p> बारह भावनाओं में नौवीं भावना । इसमें कर्मों की निर्जरा किस प्रकार से हो इसका चिंतन किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 11. 105-109, </span><span class="GRef"> महापुराण 14.238-239, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 25.105-107, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 11. 81-87 </span>देखें [[ निर्जरा ]]</p> | <div class="HindiText"> <p> बारह भावनाओं में नौवीं भावना । इसमें कर्मों की निर्जरा किस प्रकार से हो इसका चिंतन किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 11. 105-109, </span><span class="GRef"> महापुराण 14.238-239, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 25.105-107, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 11. 81-87 </span>देखें [[ निर्जरा ]]</p> | ||
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Revision as of 16:54, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें अनुप्रेक्षा ।
पुराणकोष से
बारह भावनाओं में नौवीं भावना । इसमें कर्मों की निर्जरा किस प्रकार से हो इसका चिंतन किया जाता है । महापुराण 11. 105-109, महापुराण 14.238-239, पांडवपुराण 25.105-107, वीरवर्द्धमान चरित्र 11. 81-87 देखें निर्जरा