नै:क्षंगयभावना: Difference between revisions
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<p> पंचेंद्रिय संबंधी सचित्र और अचित्र विषयों में अनासक्ति । ये दो प्रकार की होती हैं― बाह्य और आभ्यंतर । <span class="GRef"> महापुराण 20. 165 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> पंचेंद्रिय संबंधी सचित्र और अचित्र विषयों में अनासक्ति । ये दो प्रकार की होती हैं― बाह्य और आभ्यंतर । <span class="GRef"> महापुराण 20. 165 </span></p> | ||
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Revision as of 16:55, 14 November 2020
पंचेंद्रिय संबंधी सचित्र और अचित्र विषयों में अनासक्ति । ये दो प्रकार की होती हैं― बाह्य और आभ्यंतर । महापुराण 20. 165