नैरात्म्यवाद: Difference between revisions
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Revision as of 16:27, 19 August 2020
बौद्धों का शून्यवाद । इसके अनुसार जगत् नामरूप है । महाबल के मंत्री शतमति ने इसका प्रतिपादन किया था और उसके महामंत्री स्वयंयुद्ध ने इस मत का खंडन करके आत्मा की सत्ता सिद्ध की थी । महापुराण 5.45-48, 74-81