नैरात्म्यवाद: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> बौद्धों का शून्यवाद । इसके अनुसार जगत् नामरूप है । महाबल के मंत्री शतमति ने इसका प्रतिपादन किया था और उसके महामंत्री स्वयंयुद्ध ने इस मत का खंडन करके आत्मा की सत्ता सिद्ध की थी । <span class="GRef"> महापुराण 5.45-48, 74-81 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> बौद्धों का शून्यवाद । इसके अनुसार जगत् नामरूप है । महाबल के मंत्री शतमति ने इसका प्रतिपादन किया था और उसके महामंत्री स्वयंयुद्ध ने इस मत का खंडन करके आत्मा की सत्ता सिद्ध की थी । <span class="GRef"> महापुराण 5.45-48, 74-81 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:55, 14 November 2020
बौद्धों का शून्यवाद । इसके अनुसार जगत् नामरूप है । महाबल के मंत्री शतमति ने इसका प्रतिपादन किया था और उसके महामंत्री स्वयंयुद्ध ने इस मत का खंडन करके आत्मा की सत्ता सिद्ध की थी । महापुराण 5.45-48, 74-81