परविवाहकरण: Difference between revisions
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Revision as of 16:28, 19 August 2020
स्वदारसंतोषव्रत के पाँच अतिचारों में इस नाम का एक अतिचार । अपनी या अपने संरक्षण में रहने वाली संतान के सिवाय दूसरों की संतान का विवाह करना, कराना इस अतिचार में आता है । हरिवंशपुराण 54. 174-175