पाणिपात्र: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> कर पात्र में आहार ग्रहण करने वाले निर्ग्रंथ मुनि । इस वृत्ति का प्रवर्तन तीर्थंकर वृषभदेव ने किया था । <span class="GRef"> महापुराण 20.89, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 4.21 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> कर पात्र में आहार ग्रहण करने वाले निर्ग्रंथ मुनि । इस वृत्ति का प्रवर्तन तीर्थंकर वृषभदेव ने किया था । <span class="GRef"> महापुराण 20.89, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 4.21 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:55, 14 November 2020
कर पात्र में आहार ग्रहण करने वाले निर्ग्रंथ मुनि । इस वृत्ति का प्रवर्तन तीर्थंकर वृषभदेव ने किया था । महापुराण 20.89, पद्मपुराण 4.21