पूर्णघन: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
पद्मपुराण/5/ श्लोक विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी में चक्रवाल नगर का विद्याधर राजा था। राजा सुलोचन के द्वारा अपनी पुत्री इसको न देकर सगर चक्रवर्ती को दिये जाने पर, इसने राजा सुलोचन को मार दिया। (77-80) और स्वयं उसके पुत्र द्वारा मारा गया (86)। इसी के पुत्र मेघवाहन को राक्षसों के इंद्र द्वारा राक्षस द्वीप की प्राप्ति हुई थी, जिसकी संतानपरंपरा से राक्षसवंश की उत्पत्ति हुई - (देखें [[ इतिहास#7.12 | इतिहास - 7.12]])। | <span class="GRef"> पद्मपुराण/5/ </span>श्लोक विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी में चक्रवाल नगर का विद्याधर राजा था। राजा सुलोचन के द्वारा अपनी पुत्री इसको न देकर सगर चक्रवर्ती को दिये जाने पर, इसने राजा सुलोचन को मार दिया। (77-80) और स्वयं उसके पुत्र द्वारा मारा गया (86)। इसी के पुत्र मेघवाहन को राक्षसों के इंद्र द्वारा राक्षस द्वीप की प्राप्ति हुई थी, जिसकी संतानपरंपरा से राक्षसवंश की उत्पत्ति हुई - (देखें [[ इतिहास#7.12 | इतिहास - 7.12]])। | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 13:01, 14 October 2020
पद्मपुराण/5/ श्लोक विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी में चक्रवाल नगर का विद्याधर राजा था। राजा सुलोचन के द्वारा अपनी पुत्री इसको न देकर सगर चक्रवर्ती को दिये जाने पर, इसने राजा सुलोचन को मार दिया। (77-80) और स्वयं उसके पुत्र द्वारा मारा गया (86)। इसी के पुत्र मेघवाहन को राक्षसों के इंद्र द्वारा राक्षस द्वीप की प्राप्ति हुई थी, जिसकी संतानपरंपरा से राक्षसवंश की उत्पत्ति हुई - (देखें इतिहास - 7.12)।