प्रचंडवाहन: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> त्रिशृंग नगर का राजा इसकी रानी विमलप्रभा के दस पुत्रियाँ थी― गुणप्रभा, सुप्रभा, ह्री, श्री, रति, पद्मा, इंदीवरा, विश्वा, आचर्या और अशोका । इन कन्याओं का विवाह युधिष्ठिर से करने का निर्णय लिया गया था किंतु लाक्षागृह के दाह का समाचार पाकर इस निर्णय को समाप्त कर दिया गया था इन कन्याओं ने अणुव्रत धारण कर लिये थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.96-98 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> त्रिशृंग नगर का राजा इसकी रानी विमलप्रभा के दस पुत्रियाँ थी― गुणप्रभा, सुप्रभा, ह्री, श्री, रति, पद्मा, इंदीवरा, विश्वा, आचर्या और अशोका । इन कन्याओं का विवाह युधिष्ठिर से करने का निर्णय लिया गया था किंतु लाक्षागृह के दाह का समाचार पाकर इस निर्णय को समाप्त कर दिया गया था इन कन्याओं ने अणुव्रत धारण कर लिये थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.96-98 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:55, 14 November 2020
त्रिशृंग नगर का राजा इसकी रानी विमलप्रभा के दस पुत्रियाँ थी― गुणप्रभा, सुप्रभा, ह्री, श्री, रति, पद्मा, इंदीवरा, विश्वा, आचर्या और अशोका । इन कन्याओं का विवाह युधिष्ठिर से करने का निर्णय लिया गया था किंतु लाक्षागृह के दाह का समाचार पाकर इस निर्णय को समाप्त कर दिया गया था इन कन्याओं ने अणुव्रत धारण कर लिये थे । हरिवंशपुराण 45.96-98