प्रत्यवेक्षण: Difference between revisions
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सर्वार्थसिद्धि/7/34/370/9 <span class="SanskritText">जंतवः संति न संति वेति प्रत्यवेक्षणं चक्षुर्व्यापारः ।</span> =<span class="HindiText">जीव हैं या नहीं हैं इस प्रकार आँख से देखना प्रत्यवेक्षण कहलाता है । ( राजवार्तिक/7/34/1/557/22 ) ( चारित्रसार/22/5 ) । </span> | <span class="GRef"> सर्वार्थसिद्धि/7/34/370/9 </span><span class="SanskritText">जंतवः संति न संति वेति प्रत्यवेक्षणं चक्षुर्व्यापारः ।</span> =<span class="HindiText">जीव हैं या नहीं हैं इस प्रकार आँख से देखना प्रत्यवेक्षण कहलाता है । (<span class="GRef"> राजवार्तिक/7/34/1/557/22 </span>) (<span class="GRef"> चारित्रसार/22/5 </span>) । </span> | ||
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Revision as of 13:01, 14 October 2020
सर्वार्थसिद्धि/7/34/370/9 जंतवः संति न संति वेति प्रत्यवेक्षणं चक्षुर्व्यापारः । =जीव हैं या नहीं हैं इस प्रकार आँख से देखना प्रत्यवेक्षण कहलाता है । ( राजवार्तिक/7/34/1/557/22 ) ( चारित्रसार/22/5 ) ।