बप्पदेव: Difference between revisions
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उत्कलिका ग्राम के समीप ‘मणवल्ली’ ग्राम में आपने आचार्य शुभनंदि व रविनंदि से ज्ञान व उपदेश प्राप्त करके षट्खंड के प्रथम 5 खंडों पर 60000 श्लोक प्रमाण ‘व्याख्या प्रज्ञप्ति’ नाम की टीका तथा कषाय | उत्कलिका ग्राम के समीप ‘मणवल्ली’ ग्राम में आपने आचार्य शुभनंदि व रविनंदि से ज्ञान व उपदेश प्राप्त करके षट्खंड के प्रथम 5 खंडों पर 60000 श्लोक प्रमाण ‘व्याख्या प्रज्ञप्ति’ नाम की टीका तथा कषाय पाहुड़ की भी एक ‘उच्चारणा’ नाम की संक्षिप्त टीका लिखी । पीछे वाटग्राम (बड़ौदा) के जिनालय में इस टीका के दर्शन करके श्री वीरसेनस्वामी ने षट्खंड के पाँच खंडों पर धवला नाम की टीका रची थी । समय - ई.श. 1 (विशेष देखें [[ परिशिष्ट ]]) । | ||
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उत्कलिका ग्राम के समीप ‘मणवल्ली’ ग्राम में आपने आचार्य शुभनंदि व रविनंदि से ज्ञान व उपदेश प्राप्त करके षट्खंड के प्रथम 5 खंडों पर 60000 श्लोक प्रमाण ‘व्याख्या प्रज्ञप्ति’ नाम की टीका तथा कषाय पाहुड़ की भी एक ‘उच्चारणा’ नाम की संक्षिप्त टीका लिखी । पीछे वाटग्राम (बड़ौदा) के जिनालय में इस टीका के दर्शन करके श्री वीरसेनस्वामी ने षट्खंड के पाँच खंडों पर धवला नाम की टीका रची थी । समय - ई.श. 1 (विशेष देखें परिशिष्ट ) ।