भगदत्त: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) राजा जरासंध के पक्ष का एक नृप । यह जरासंध के साथ कृष्ण से युद्ध करने समरभूमि में गया था । <span class="GRef"> महापुराण 71.80 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) राजा जरासंध के पक्ष का एक नृप । यह जरासंध के साथ कृष्ण से युद्ध करने समरभूमि में गया था । <span class="GRef"> महापुराण 71.80 </span></p> | ||
<p id="2">(2) जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र में मगध देश के वृद्धग्राम का निवासी वैश्य राष्ट्रकूट और उसकी पत्नी रेवती का ज्येष्ठ पुत्र तथा भवदेव का अग्रज । इसने मुनिराज सुस्थित से दीक्षा ले ली थी । इसका छोटा भाई भवदत्त भी मुनि हो गया था । अंत में यह मरकर माहेंद्र स्वर्ग के बलभद्र विमान में सात सागर की आयु का धारी सामानिक देव हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 76. 952-154, 198-200 </span></p> | <p id="2">(2) जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र में मगध देश के वृद्धग्राम का निवासी वैश्य राष्ट्रकूट और उसकी पत्नी रेवती का ज्येष्ठ पुत्र तथा भवदेव का अग्रज । इसने मुनिराज सुस्थित से दीक्षा ले ली थी । इसका छोटा भाई भवदत्त भी मुनि हो गया था । अंत में यह मरकर माहेंद्र स्वर्ग के बलभद्र विमान में सात सागर की आयु का धारी सामानिक देव हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 76. 952-154, 198-200 </span></p> | ||
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Revision as of 16:55, 14 November 2020
(1) राजा जरासंध के पक्ष का एक नृप । यह जरासंध के साथ कृष्ण से युद्ध करने समरभूमि में गया था । महापुराण 71.80
(2) जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र में मगध देश के वृद्धग्राम का निवासी वैश्य राष्ट्रकूट और उसकी पत्नी रेवती का ज्येष्ठ पुत्र तथा भवदेव का अग्रज । इसने मुनिराज सुस्थित से दीक्षा ले ली थी । इसका छोटा भाई भवदत्त भी मुनि हो गया था । अंत में यह मरकर माहेंद्र स्वर्ग के बलभद्र विमान में सात सागर की आयु का धारी सामानिक देव हुआ । महापुराण 76. 952-154, 198-200