भूति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) वृषभदेव के चौरासी गणधरों में चौबीस गणधर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12. 59 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) वृषभदेव के चौरासी गणधरों में चौबीस गणधर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12. 59 </span></p> | ||
<p id="2">(2) भरतक्षेत्र की गांधारी नगरी का राजा । यह मांस-भोजी था । पूर्व पुण्य के प्रभाव से मरकर यह राजा जनक हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 31. 41, 57 </span></p> | <p id="2">(2) भरतक्षेत्र की गांधारी नगरी का राजा । यह मांस-भोजी था । पूर्व पुण्य के प्रभाव से मरकर यह राजा जनक हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 31. 41, 57 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:55, 14 November 2020
(1) वृषभदेव के चौरासी गणधरों में चौबीस गणधर । हरिवंशपुराण 12. 59
(2) भरतक्षेत्र की गांधारी नगरी का राजा । यह मांस-भोजी था । पूर्व पुण्य के प्रभाव से मरकर यह राजा जनक हुआ । पद्मपुराण 31. 41, 57