मणिचूल: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) पर्यक गुफा का निवासी एक गंधर्व देव । इनकी देवी का नाम रत्नचूला था । पर्यक-गुफा में अंजना की रक्षा इसी देव ने की थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 17.213, 242-249 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) पर्यक गुफा का निवासी एक गंधर्व देव । इनकी देवी का नाम रत्नचूला था । पर्यक-गुफा में अंजना की रक्षा इसी देव ने की थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 17.213, 242-249 </span></p> | ||
<p id="2">(2) सौधर्म स्वर्ग का एक देव । यह पूर्वभव में राजा महाबल का स्वयंबुद्ध नामक मंत्री था । <span class="GRef"> महापुराण 9.107 </span></p> | <p id="2">(2) सौधर्म स्वर्ग का एक देव । यह पूर्वभव में राजा महाबल का स्वयंबुद्ध नामक मंत्री था । <span class="GRef"> महापुराण 9.107 </span></p> | ||
<p id="3">(3) लक्ष्मण का जीव-एक देव । <span class="GRef"> महापुराण 67.152 </span></p> | <p id="3">(3) लक्ष्मण का जीव-एक देव । <span class="GRef"> महापुराण 67.152 </span></p> | ||
<p id="4">(4) विद्याधर विनमि का पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.104 </span></p> | <p id="4">(4) विद्याधर विनमि का पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.104 </span></p> | ||
<p id="5">(5) धातकीखंड द्वीप में भरतक्षेत्र संबंधी विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में नित्यालोक नगर के राजा चंद्रचूल और रानी मनोहरी रानी का युगल रूप में उत्पन्न पुत्र इसके साथ पुष्पचूल का जन्म हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 71.249-252, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 33.131-133 </span></p> | <p id="5">(5) धातकीखंड द्वीप में भरतक्षेत्र संबंधी विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में नित्यालोक नगर के राजा चंद्रचूल और रानी मनोहरी रानी का युगल रूप में उत्पन्न पुत्र इसके साथ पुष्पचूल का जन्म हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 71.249-252, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 33.131-133 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
(1) पर्यक गुफा का निवासी एक गंधर्व देव । इनकी देवी का नाम रत्नचूला था । पर्यक-गुफा में अंजना की रक्षा इसी देव ने की थी । पद्मपुराण 17.213, 242-249
(2) सौधर्म स्वर्ग का एक देव । यह पूर्वभव में राजा महाबल का स्वयंबुद्ध नामक मंत्री था । महापुराण 9.107
(3) लक्ष्मण का जीव-एक देव । महापुराण 67.152
(4) विद्याधर विनमि का पुत्र । हरिवंशपुराण 22.104
(5) धातकीखंड द्वीप में भरतक्षेत्र संबंधी विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में नित्यालोक नगर के राजा चंद्रचूल और रानी मनोहरी रानी का युगल रूप में उत्पन्न पुत्र इसके साथ पुष्पचूल का जन्म हुआ था । महापुराण 71.249-252, हरिवंशपुराण 33.131-133