मणिप्रभ: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
रुचक व कुंडल पर्वत का एक-एक कूट–देखें [[ लोक#5.12 | लोक - 5.12]],13। | रुचक व कुंडल पर्वत का एक-एक कूट–देखें [[ लोक#5.12 | लोक - 5.12]],13। | ||
Line 12: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p id="1">(1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का छब्बीसवाँ नगर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.96 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का छब्बीसवाँ नगर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.96 </span></p> | ||
<p id="2">(2) दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) विदिशा में स्थित एक कूट । यह देवी रुचकाभा की निवासभूमि था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.723 </span></p> | <p id="2">(2) दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) विदिशा में स्थित एक कूट । यह देवी रुचकाभा की निवासभूमि था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.723 </span></p> | ||
<p id="3">(3) कुंडलगिरि की पश्चिम-दिशा में विद्यमान चार कूटों में एक कूट । यह स्वस्तिक देव की निवासभूमि था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.693 </span></p> | <p id="3">(3) कुंडलगिरि की पश्चिम-दिशा में विद्यमान चार कूटों में एक कूट । यह स्वस्तिक देव की निवासभूमि था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.693 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:56, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
रुचक व कुंडल पर्वत का एक-एक कूट–देखें लोक - 5.12,13।
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का छब्बीसवाँ नगर । हरिवंशपुराण 22.96
(2) दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) विदिशा में स्थित एक कूट । यह देवी रुचकाभा की निवासभूमि था । हरिवंशपुराण 5.723
(3) कुंडलगिरि की पश्चिम-दिशा में विद्यमान चार कूटों में एक कूट । यह स्वस्तिक देव की निवासभूमि था । हरिवंशपुराण 5.693