महानंद: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25.153 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25.153 </span></p> | ||
<p id="2">(2) विजयनगर का राजा । इसकी रानी का नाम वसंतसेना और पुत्र का नाम हरिवाहन था । <span class="GRef"> महापुराण 8.227-228 </span></p> | <p id="2">(2) विजयनगर का राजा । इसकी रानी का नाम वसंतसेना और पुत्र का नाम हरिवाहन था । <span class="GRef"> महापुराण 8.227-228 </span></p> | ||
<p id="3">(3) नंद यक्ष का साथी एक यक्ष देव । इन दोनों देवों ने कुमार प्रीतिंकर को धरणिभूषण पर्वत पर पहुँचाया था । <span class="GRef"> महापुराण 76. 315, 329-331 </span></p> | <p id="3">(3) नंद यक्ष का साथी एक यक्ष देव । इन दोनों देवों ने कुमार प्रीतिंकर को धरणिभूषण पर्वत पर पहुँचाया था । <span class="GRef"> महापुराण 76. 315, 329-331 </span></p> | ||
<p id="4">(4) इंद्र द्वारा किया गया एक नाटक । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 39.415 </span></p> | <p id="4">(4) इंद्र द्वारा किया गया एक नाटक । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 39.415 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
(1) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.153
(2) विजयनगर का राजा । इसकी रानी का नाम वसंतसेना और पुत्र का नाम हरिवाहन था । महापुराण 8.227-228
(3) नंद यक्ष का साथी एक यक्ष देव । इन दोनों देवों ने कुमार प्रीतिंकर को धरणिभूषण पर्वत पर पहुँचाया था । महापुराण 76. 315, 329-331
(4) इंद्र द्वारा किया गया एक नाटक । हरिवंशपुराण 39.415