माधवी: Difference between revisions
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<p> राम के समय की एक लता । इसके फूल गुच्छों में होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 27.47, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 28-88, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 11, 100 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> राम के समय की एक लता । इसके फूल गुच्छों में होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 27.47, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 28-88, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 11, 100 </span></p> | ||
<p id="2">(2) पोदनपुर के निवासी हित श्रावक की पत्नी । इसके पुत्र का नाम प्रीति था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.345 </span></p> | <p id="2">(2) पोदनपुर के निवासी हित श्रावक की पत्नी । इसके पुत्र का नाम प्रीति था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.345 </span></p> | ||
<p id="3">(3) मथुरा नगरी के राजा हरिवाहन की रानी । चमरेंद्र से शूलरत्न पाने वाले मधु की यह जननी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 12.54, 68 </span></p> | <p id="3">(3) मथुरा नगरी के राजा हरिवाहन की रानी । चमरेंद्र से शूलरत्न पाने वाले मधु की यह जननी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 12.54, 68 </span></p> | ||
<p id="4">(4) द्वापुरी के राजा ब्रह्मभूति की रानी । यह द्वितीय नारायण द्विपृष्ठ की जननी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 221-226 </span></p> | <p id="4">(4) द्वापुरी के राजा ब्रह्मभूति की रानी । यह द्वितीय नारायण द्विपृष्ठ की जननी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 221-226 </span></p> | ||
<p id="5">(5) पुष्करद्वीप में स्थित चंद्रादित्य नगर के राजा प्रकाशयज्ञ की रानी और जगद्युति की जननी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 85.96-97 </span></p> | <p id="5">(5) पुष्करद्वीप में स्थित चंद्रादित्य नगर के राजा प्रकाशयज्ञ की रानी और जगद्युति की जननी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 85.96-97 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
राम के समय की एक लता । इसके फूल गुच्छों में होते हैं । महापुराण 27.47, पद्मपुराण 28-88, हरिवंशपुराण 11, 100
(2) पोदनपुर के निवासी हित श्रावक की पत्नी । इसके पुत्र का नाम प्रीति था । पद्मपुराण 5.345
(3) मथुरा नगरी के राजा हरिवाहन की रानी । चमरेंद्र से शूलरत्न पाने वाले मधु की यह जननी थी । पद्मपुराण 12.54, 68
(4) द्वापुरी के राजा ब्रह्मभूति की रानी । यह द्वितीय नारायण द्विपृष्ठ की जननी थी । पद्मपुराण 20. 221-226
(5) पुष्करद्वीप में स्थित चंद्रादित्य नगर के राजा प्रकाशयज्ञ की रानी और जगद्युति की जननी । पद्मपुराण 85.96-97