मित्रवीर: Difference between revisions
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पुन्नाटसंघ की गुर्वावली के अनुसार आप मंदरार्य के शिष्य तथा बलदेव के गुरु थे। समय–वी.नि. 590 (ई. 63)–देखें [[ इतिहास#7.8 | इतिहास - 7.8]]। | पुन्नाटसंघ की गुर्वावली के अनुसार आप मंदरार्य के शिष्य तथा बलदेव के गुरु थे। समय–वी.नि. 590 (ई. 63)–देखें [[ इतिहास#7.8 | इतिहास - 7.8]]। | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> कौशांबी के सेठ वृषभसेन का सेवक । इसी ने भीलराज सिंह से चंदना को छुड़ा करके सेठ वृषभसेन को सौंपी थी । <span class="GRef"> महापुराण 75.47-53 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> कौशांबी के सेठ वृषभसेन का सेवक । इसी ने भीलराज सिंह से चंदना को छुड़ा करके सेठ वृषभसेन को सौंपी थी । <span class="GRef"> महापुराण 75.47-53 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
पुन्नाटसंघ की गुर्वावली के अनुसार आप मंदरार्य के शिष्य तथा बलदेव के गुरु थे। समय–वी.नि. 590 (ई. 63)–देखें इतिहास - 7.8।
पुराणकोष से
कौशांबी के सेठ वृषभसेन का सेवक । इसी ने भीलराज सिंह से चंदना को छुड़ा करके सेठ वृषभसेन को सौंपी थी । महापुराण 75.47-53