राजत: Difference between revisions
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<p> रजतमय विजयार्द्ध पर्वत । इसके नौ शिखर हैं जो मणियों से निर्मित हैं । इसके शिखर भाग से झरने जरते हैं । यहाँ नाम, नागकेसर और सुपारी के सुंदर वृक्ष है । दिग्विजय के समय भरतेश यहाँ ससैन्य आये थे । <span class="GRef"> महापुराण 31.14-11 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> रजतमय विजयार्द्ध पर्वत । इसके नौ शिखर हैं जो मणियों से निर्मित हैं । इसके शिखर भाग से झरने जरते हैं । यहाँ नाम, नागकेसर और सुपारी के सुंदर वृक्ष है । दिग्विजय के समय भरतेश यहाँ ससैन्य आये थे । <span class="GRef"> महापुराण 31.14-11 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
रजतमय विजयार्द्ध पर्वत । इसके नौ शिखर हैं जो मणियों से निर्मित हैं । इसके शिखर भाग से झरने जरते हैं । यहाँ नाम, नागकेसर और सुपारी के सुंदर वृक्ष है । दिग्विजय के समय भरतेश यहाँ ससैन्य आये थे । महापुराण 31.14-11