रुधिर: Difference between revisions
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<p> अरिष्टपुर नगर का राजा । इसकी महारानी मित्रा थी । इन दोनों का हिरण्यवर्मा पुत्र और रोहिणी पुत्री थी । वसुदेव इसका जामाता था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 31. 8-11, 43 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> अरिष्टपुर नगर का राजा । इसकी महारानी मित्रा थी । इन दोनों का हिरण्यवर्मा पुत्र और रोहिणी पुत्री थी । वसुदेव इसका जामाता था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 31. 8-11, 43 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
- औदारिक शरीर में रुधिर का प्रमाण−देखें औदारिक - 1.7।
- सौधर्म स्वर्ग का दसवाँ पटल व इंद्रक−देखें स्वर्ग - 5.3।
पुराणकोष से
अरिष्टपुर नगर का राजा । इसकी महारानी मित्रा थी । इन दोनों का हिरण्यवर्मा पुत्र और रोहिणी पुत्री थी । वसुदेव इसका जामाता था । हरिवंशपुराण 31. 8-11, 43