वर्णाश्रम: Difference between revisions
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<p> वर्णों और आश्रमों की संस्था । वर्ण चार हैं― ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र । आश्रम भी चार हैं― ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास वर्ण का संबंध मानवों की जाति से और आश्रमों का संबंध व्यक्तियों के जीवन से है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 54.3 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> वर्णों और आश्रमों की संस्था । वर्ण चार हैं― ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र । आश्रम भी चार हैं― ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास वर्ण का संबंध मानवों की जाति से और आश्रमों का संबंध व्यक्तियों के जीवन से है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 54.3 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
वर्णों और आश्रमों की संस्था । वर्ण चार हैं― ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र । आश्रम भी चार हैं― ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास वर्ण का संबंध मानवों की जाति से और आश्रमों का संबंध व्यक्तियों के जीवन से है । हरिवंशपुराण 54.3