वसंतडमरा: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> पोदनपुर नगर के ब्राह्मण मृदुमति की स्त्री । मृदुमति ने चोरी करते समय शशांक-नगर के राजा नंदिवर्धन को अपनी रानी से यह कहते हुए सुना था कि वह विषयों का त्याग करके प्रात: दीक्षा धारण कर लेगा । यह सुनकर मृदुमति को बोधि प्राप्त हुई । उसने इसे त्याग कर दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 85.118-137 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> पोदनपुर नगर के ब्राह्मण मृदुमति की स्त्री । मृदुमति ने चोरी करते समय शशांक-नगर के राजा नंदिवर्धन को अपनी रानी से यह कहते हुए सुना था कि वह विषयों का त्याग करके प्रात: दीक्षा धारण कर लेगा । यह सुनकर मृदुमति को बोधि प्राप्त हुई । उसने इसे त्याग कर दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 85.118-137 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:57, 14 November 2020
पोदनपुर नगर के ब्राह्मण मृदुमति की स्त्री । मृदुमति ने चोरी करते समय शशांक-नगर के राजा नंदिवर्धन को अपनी रानी से यह कहते हुए सुना था कि वह विषयों का त्याग करके प्रात: दीक्षा धारण कर लेगा । यह सुनकर मृदुमति को बोधि प्राप्त हुई । उसने इसे त्याग कर दीक्षा ले ली थी । पद्मपुराण 85.118-137