विश्वसेन: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
भगवान् पार्श्वनाथ के पिता-तीर्थंकर/5। | भगवान् पार्श्वनाथ के पिता-तीर्थंकर/5। | ||
Line 12: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p id="1"> (1) हस्तिनापुर के राजा अजितसेन तथा रानी प्रियदर्शना का पुत्र । गांधार-नगर के राजा अजितंजय और रानी अजिता की पुत्री ऐरा इसकी रानी थी । तीर्थंकर शांतिनाथ इसके पुत्र थे । इसकी दूसरी रानी का नाम यशस्वती था । चक्रायुध इसी रानी यशस्वी था । <span class="GRef"> महापुराण 63. 382-385, 406, 414, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20.52, </span><span class="GRef"> <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.17-18 </span>, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 5.102-103, 110, 114-115, 20.5 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) हस्तिनापुर के राजा अजितसेन तथा रानी प्रियदर्शना का पुत्र । गांधार-नगर के राजा अजितंजय और रानी अजिता की पुत्री ऐरा इसकी रानी थी । तीर्थंकर शांतिनाथ इसके पुत्र थे । इसकी दूसरी रानी का नाम यशस्वती था । चक्रायुध इसी रानी यशस्वी था । <span class="GRef"> महापुराण 63. 382-385, 406, 414, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20.52, </span><span class="GRef"> <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.17-18 </span>, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 5.102-103, 110, 114-115, 20.5 </span></p> | ||
<p id="2">(2) वाराणसी नगरी का राजा । जाली इसकी रानी ओर तीर्थंकर पार्श्वनाथ पुत्र थे । <span class="GRef"> महापुराण 73.74-92 </span></p> | <p id="2">(2) वाराणसी नगरी का राजा । जाली इसकी रानी ओर तीर्थंकर पार्श्वनाथ पुत्र थे । <span class="GRef"> महापुराण 73.74-92 </span></p> | ||
<p id="3">(3) घातकीखंड द्वीप के विदेहक्षेत्र में मंगलावती देश के रत्नसंचय नगर का राजा । इसकी रानी अनुंदरी थी । यह युद्ध में अयोध्या के राजा पद्मसेन द्वारा मार डाला गया था । इसका अपर नाम विश्वदेव था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.58-59 </span>देखें [[ विश्वदेव ]]</p> | <p id="3">(3) घातकीखंड द्वीप के विदेहक्षेत्र में मंगलावती देश के रत्नसंचय नगर का राजा । इसकी रानी अनुंदरी थी । यह युद्ध में अयोध्या के राजा पद्मसेन द्वारा मार डाला गया था । इसका अपर नाम विश्वदेव था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.58-59 </span>देखें [[ विश्वदेव ]]</p> | ||
<p id="4">(4) कुंती पुत्र कर्ण का पुत्र । यह महाभारत युद्ध में पांडवों द्वारा मारा गया था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 20.254 </span></p> | <p id="4">(4) कुंती पुत्र कर्ण का पुत्र । यह महाभारत युद्ध में पांडवों द्वारा मारा गया था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 20.254 </span></p> | ||
<p id="5">(5) एक कौरववंशी राजा । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.17-18 </span></p> | <p id="5">(5) एक कौरववंशी राजा । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.17-18 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:57, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
भगवान् पार्श्वनाथ के पिता-तीर्थंकर/5।
पुराणकोष से
(1) हस्तिनापुर के राजा अजितसेन तथा रानी प्रियदर्शना का पुत्र । गांधार-नगर के राजा अजितंजय और रानी अजिता की पुत्री ऐरा इसकी रानी थी । तीर्थंकर शांतिनाथ इसके पुत्र थे । इसकी दूसरी रानी का नाम यशस्वती था । चक्रायुध इसी रानी यशस्वी था । महापुराण 63. 382-385, 406, 414, पद्मपुराण 20.52, हरिवंशपुराण 45.17-18 , पांडवपुराण 5.102-103, 110, 114-115, 20.5
(2) वाराणसी नगरी का राजा । जाली इसकी रानी ओर तीर्थंकर पार्श्वनाथ पुत्र थे । महापुराण 73.74-92
(3) घातकीखंड द्वीप के विदेहक्षेत्र में मंगलावती देश के रत्नसंचय नगर का राजा । इसकी रानी अनुंदरी थी । यह युद्ध में अयोध्या के राजा पद्मसेन द्वारा मार डाला गया था । इसका अपर नाम विश्वदेव था । हरिवंशपुराण 60.58-59 देखें विश्वदेव
(4) कुंती पुत्र कर्ण का पुत्र । यह महाभारत युद्ध में पांडवों द्वारा मारा गया था । पांडवपुराण 20.254
(5) एक कौरववंशी राजा । हरिवंशपुराण 45.17-18