वीतशोकपुर: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) जंबूद्वीप के पश्चिम विदेहक्षेत्र में गंधमालिनी देश का एक नगर । वैजयंत यहाँ का राजा था । इसका अपर नाम वीतशोका था । <span class="GRef"> महापुराण 59.109-110, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.5 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) जंबूद्वीप के पश्चिम विदेहक्षेत्र में गंधमालिनी देश का एक नगर । वैजयंत यहाँ का राजा था । इसका अपर नाम वीतशोका था । <span class="GRef"> महापुराण 59.109-110, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.5 </span></p> | ||
<p id="2">(2) जंबूद्वीप के पूर्वविदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश का एक नगर । जांबवती सातवें पूर्वभव में यहाँ के वैश्य दमक की पुत्री देविला थी । वीतशोका इसका अपर नाम था । <span class="GRef"> महापुराण 71.360-361, 76.130, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 43, 68-69 </span></p> | <p id="2">(2) जंबूद्वीप के पूर्वविदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश का एक नगर । जांबवती सातवें पूर्वभव में यहाँ के वैश्य दमक की पुत्री देविला थी । वीतशोका इसका अपर नाम था । <span class="GRef"> महापुराण 71.360-361, 76.130, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 43, 68-69 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
(1) जंबूद्वीप के पश्चिम विदेहक्षेत्र में गंधमालिनी देश का एक नगर । वैजयंत यहाँ का राजा था । इसका अपर नाम वीतशोका था । महापुराण 59.109-110, हरिवंशपुराण 27.5
(2) जंबूद्वीप के पूर्वविदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश का एक नगर । जांबवती सातवें पूर्वभव में यहाँ के वैश्य दमक की पुत्री देविला थी । वीतशोका इसका अपर नाम था । महापुराण 71.360-361, 76.130, हरिवंशपुराण 60. 43, 68-69