शतबल: Difference between revisions
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Revision as of 16:37, 19 August 2020
महाबल विद्याधर का दादा । यह सहस्रबल का पुत्र था । इसने सम्यक्त्वी होकर श्रावक के व्रत ग्रहण किये थे । यह आयु के अंत में यथाविधि समाधिमरणपूर्वक देह त्याग कर माहेंद्र स्वर्ग में देव हुआ और इसके पिता मोक्ष गये । इसका अपर नाम शतबलि, पिता का अपर नाम सहस्रायुध और बाबा का अपर नाम वज्रायुध था । महापुराण 5.139-149, 63.138-139