शासन: Difference between revisions
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<ol class="HindiText"><li> स्याद्वादमंजरी/21/263/7 आ सामस्त्येनानंतधर्मविशिष्टतया ज्ञायंतेऽवबुद्धयंते जीवाजीवादय: पदार्था यया सा आज्ञा आगम: शासनं।=जिसके द्वारा समस्त रूप अनंतानंत धर्म विशिष्ट जीवाजीवादिक पदार्थ जाने जाते हैं वह आज्ञा या आगम शासन कहलाता है।</li> | <ol class="HindiText"><li><span class="GRef"> स्याद्वादमंजरी/21/263/7 </span>आ सामस्त्येनानंतधर्मविशिष्टतया ज्ञायंतेऽवबुद्धयंते जीवाजीवादय: पदार्था यया सा आज्ञा आगम: शासनं।=जिसके द्वारा समस्त रूप अनंतानंत धर्म विशिष्ट जीवाजीवादिक पदार्थ जाने जाते हैं वह आज्ञा या आगम शासन कहलाता है।</li> | ||
<li>आत्मा को जानना समस्त जिन शासन का जानना है। - देखें [[ श्रुतकेवली#2.6 | श्रुतकेवली - 2.6]]।</li> | <li>आत्मा को जानना समस्त जिन शासन का जानना है। - देखें [[ श्रुतकेवली#2.6 | श्रुतकेवली - 2.6]]।</li> | ||
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Revision as of 13:02, 14 October 2020
- स्याद्वादमंजरी/21/263/7 आ सामस्त्येनानंतधर्मविशिष्टतया ज्ञायंतेऽवबुद्धयंते जीवाजीवादय: पदार्था यया सा आज्ञा आगम: शासनं।=जिसके द्वारा समस्त रूप अनंतानंत धर्म विशिष्ट जीवाजीवादिक पदार्थ जाने जाते हैं वह आज्ञा या आगम शासन कहलाता है।
- आत्मा को जानना समस्त जिन शासन का जानना है। - देखें श्रुतकेवली - 2.6।