सकल परमात्मा: Difference between revisions
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<p> घातिया कर्मों से मुक्त परमौदारिक दिव्य देह में स्थित अर्हंत । ये अनंतज्ञान आदि नौ केवललब्धियों के धारक होते हैं । धर्मोपदेश से भव्य जीवों का उद्धार करते हैं और समस्त अतिशयों से युक्त होते हैं । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 16.84-88 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> घातिया कर्मों से मुक्त परमौदारिक दिव्य देह में स्थित अर्हंत । ये अनंतज्ञान आदि नौ केवललब्धियों के धारक होते हैं । धर्मोपदेश से भव्य जीवों का उद्धार करते हैं और समस्त अतिशयों से युक्त होते हैं । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 16.84-88 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें परमात्मा - 1।
पुराणकोष से
घातिया कर्मों से मुक्त परमौदारिक दिव्य देह में स्थित अर्हंत । ये अनंतज्ञान आदि नौ केवललब्धियों के धारक होते हैं । धर्मोपदेश से भव्य जीवों का उद्धार करते हैं और समस्त अतिशयों से युक्त होते हैं । वीरवर्द्धमान चरित्र 16.84-88