समवसरण व्रत: Difference between revisions
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एक वर्ष पर्यंत प्रत्येक चतुर्दशी को एक उपवास करे। इस प्रकार 24 उपवास करे। तथा ओं ह्रीं जगदापद्विनाशाय सकलगुणकरंडाय श्री सर्वज्ञाय अर्हत्परमेष्ठिने नम: इस मंत्र का त्रिकाल जाप करे। (व्रतविधान सं./85)