कल्याणमाला: Difference between revisions
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–(प.पु./३४/श्लो.नं०) बाल्यखिल्य की पुत्री थी। अपने पिता की अनुपस्थिति में पुरूषवेश में राज्यकार्य करती थी।४०-४८। राम लक्ष्मण द्वारा अपने पिता को म्लेच्छों की बन्दी से मुक्त हुआ जान (७९-९७) उसने लक्ष्मण को वर लिया (८०-११०)। | <p class="HindiText">–(प.पु./३४/श्लो.नं०) बाल्यखिल्य की पुत्री थी। अपने पिता की अनुपस्थिति में पुरूषवेश में राज्यकार्य करती थी।४०-४८। राम लक्ष्मण द्वारा अपने पिता को म्लेच्छों की बन्दी से मुक्त हुआ जान (७९-९७) उसने लक्ष्मण को वर लिया (८०-११०)।</p> | ||
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Revision as of 23:59, 11 March 2013
–(प.पु./३४/श्लो.नं०) बाल्यखिल्य की पुत्री थी। अपने पिता की अनुपस्थिति में पुरूषवेश में राज्यकार्य करती थी।४०-४८। राम लक्ष्मण द्वारा अपने पिता को म्लेच्छों की बन्दी से मुक्त हुआ जान (७९-९७) उसने लक्ष्मण को वर लिया (८०-११०)।
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