साध्य साधक संबंध: Difference between revisions
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देखें [[ संबंध ]]। | <p class="HindiText"> [आगम में अनेकों संबंधों का निर्देश पाया जाता है। यथा - 1. ज्ञेय-ज्ञायक संबंध, ग्राह्य-ग्राहक संबंध (<span class="GRef"> समयसार / आत्मख्याति/31 </span>); भाव्य - भावक संबंध (<span class="GRef"> समयसार / आत्मख्याति/32,83 </span>); तादात्म्य संबंध (<span class="GRef"> समयसार / आत्मख्याति/57,61 </span>); संश्लेष संबंध (<span class="GRef"> समयसार / तात्पर्यवृत्ति/57 </span>); व्याप्य-व्यापक संबंध (<span class="GRef"> समयसार / आत्मख्याति/75 </span>); आधार-आधेय संबंध (<span class="GRef"> समयसार / आत्मख्याति/181-183 </span>); (<span class="GRef"> पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/350 </span>); आश्रय-आश्रयी (<span class="GRef"> पंचाध्यायी x`/ पृष्ठ/76</span>); संयोग संबंध। सो दो प्रकार का है - देश प्रत्यासत्तिक संयोग संबंध; और गुण प्रत्यासत्तिक संयोग संबंध (<span class="GRef"> धवला 14/2,6,23/27/2 </span>); (<span class="GRef"> पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/76 </span>); धर्म-धर्मि में अविनाभाव संबंध (<span class="GRef"> पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/7,545,591,99,249 </span>); लक्ष्य-लक्षण संबंध (<span class="GRef"> पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/12,88,616 </span>); '''साध्य-साधक संबंध''' (<span class="GRef"> पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/545 </span>); दंड - दंडी संबंध (<span class="GRef"> पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/41 </span>); समवाय संबंध (<span class="GRef"> पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/76 </span>); भविष्याभाव संबंध (<span class="GRef">स्याद्वादमंजरी 9/217/24</span>);] [इनके अतिरिक्त बाध्य-बाधक संबंध, बध्य-घातक संबंध, कार्य-कारण संबंध, वाच्य-वाचक संबंध, उपकार्य-उपकारक संबंध, प्रतिबध्य-प्रतिबंधक समबंध, पूर्वापर संबंध, द्योत्य-द्योतक संबंध, व्यंग्य-व्यंजक संबंध, प्रकाश्य-प्रकाशक संबंध, उपादान-उपादेय संबंध, निमित्त-नैमित्तिक संबंध इत्यादि अनेकों संबंधों का कथन आगम में अनेकों स्थलों पर किया गया है।]</p> | ||
<p class="HindiText"> अधिक जानकारी के लिये देखें [[ संबंध ]]।</p> | |||
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Revision as of 12:55, 12 November 2022
[आगम में अनेकों संबंधों का निर्देश पाया जाता है। यथा - 1. ज्ञेय-ज्ञायक संबंध, ग्राह्य-ग्राहक संबंध ( समयसार / आत्मख्याति/31 ); भाव्य - भावक संबंध ( समयसार / आत्मख्याति/32,83 ); तादात्म्य संबंध ( समयसार / आत्मख्याति/57,61 ); संश्लेष संबंध ( समयसार / तात्पर्यवृत्ति/57 ); व्याप्य-व्यापक संबंध ( समयसार / आत्मख्याति/75 ); आधार-आधेय संबंध ( समयसार / आत्मख्याति/181-183 ); ( पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/350 ); आश्रय-आश्रयी ( पंचाध्यायी x`/ पृष्ठ/76); संयोग संबंध। सो दो प्रकार का है - देश प्रत्यासत्तिक संयोग संबंध; और गुण प्रत्यासत्तिक संयोग संबंध ( धवला 14/2,6,23/27/2 ); ( पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/76 ); धर्म-धर्मि में अविनाभाव संबंध ( पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/7,545,591,99,249 ); लक्ष्य-लक्षण संबंध ( पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/12,88,616 ); साध्य-साधक संबंध ( पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/545 ); दंड - दंडी संबंध ( पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/41 ); समवाय संबंध ( पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/76 ); भविष्याभाव संबंध (स्याद्वादमंजरी 9/217/24);] [इनके अतिरिक्त बाध्य-बाधक संबंध, बध्य-घातक संबंध, कार्य-कारण संबंध, वाच्य-वाचक संबंध, उपकार्य-उपकारक संबंध, प्रतिबध्य-प्रतिबंधक समबंध, पूर्वापर संबंध, द्योत्य-द्योतक संबंध, व्यंग्य-व्यंजक संबंध, प्रकाश्य-प्रकाशक संबंध, उपादान-उपादेय संबंध, निमित्त-नैमित्तिक संबंध इत्यादि अनेकों संबंधों का कथन आगम में अनेकों स्थलों पर किया गया है।]
अधिक जानकारी के लिये देखें संबंध ।