सिंहिका: Difference between revisions
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Revision as of 16:39, 19 August 2020
अयोध्या के राजा नधुष की रानी । राजा नधुष जिस समय इसे नगर में अकेला छोड़कर प्रतिकूल शत्रुओं को वंश में करने के लिए उत्तरदिशा की ओर गया । उस समय नधुष को अनुपस्थित जानकर विरोधी राजाओं ने अयोध्या पर ससैन्य आक्रमण किया, किंतु इसने उन्हें युद्ध में पराजित किया । यह शस्त्र और शास्त्र दोनों में निपुण थी । इसके पराक्रम से कुपित होकर राजा नधुष ने इसे महादेवी के पद से च्युत कर दिया था । किसी समय राजा को दाहज्वर हुआ । इसने करपुट मैं जल लेकर और राजा के शरीर पर उसे छिड़ककर जैसे ही राजा की वेदना शांत की और अपने शील का परिचय दिया कि राजा ने प्रसन्न होकर इसे महादेवी के पद पर पुन: अधिष्ठित कर दिया था । इनके पुत्र का नाम सौदास या । पद्मपुराण 22.114-131