सुभोभकुमार: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> पार्श्वनाथ का दूसरा नाम । राजा महीपाल इनके नाना थे । इन्होंने राजा महीपाल की तापस अवस्था में नमस्कार नहीं किया था जिससे महीपाल कुपित हो गया था । इन्होंने उसके तप को अज्ञान तप कहकर उसे पापास्रव का कारण बताया था । इससे वह और अघिक कुपित हो गया था । वह मरकर शंबर ज्योतिषी देव हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 73.94-117 </span>देखें [[ पार्श्वनाथ ]]</p> | <div class="HindiText"> <p> पार्श्वनाथ का दूसरा नाम । राजा महीपाल इनके नाना थे । इन्होंने राजा महीपाल की तापस अवस्था में नमस्कार नहीं किया था जिससे महीपाल कुपित हो गया था । इन्होंने उसके तप को अज्ञान तप कहकर उसे पापास्रव का कारण बताया था । इससे वह और अघिक कुपित हो गया था । वह मरकर शंबर ज्योतिषी देव हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 73.94-117 </span>देखें [[ पार्श्वनाथ ]]</p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:59, 14 November 2020
पार्श्वनाथ का दूसरा नाम । राजा महीपाल इनके नाना थे । इन्होंने राजा महीपाल की तापस अवस्था में नमस्कार नहीं किया था जिससे महीपाल कुपित हो गया था । इन्होंने उसके तप को अज्ञान तप कहकर उसे पापास्रव का कारण बताया था । इससे वह और अघिक कुपित हो गया था । वह मरकर शंबर ज्योतिषी देव हुआ । महापुराण 73.94-117 देखें पार्श्वनाथ