सृष्ट्यविकारिता: Difference between revisions
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<p> द्विज् के दस अधिकारों में पाँचवाँ अधिकार । मिथ्यादृष्टियों के दूषित सृष्टिवाद से अपनी प्रजा की और राजा की रक्षा करने तथा धर्मसृष्टि की भावना करने के अधिकार का नाम सृष्ट्यधिकारिता है । <span class="GRef"> महापुराण 40.175, 187-191 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> द्विज् के दस अधिकारों में पाँचवाँ अधिकार । मिथ्यादृष्टियों के दूषित सृष्टिवाद से अपनी प्रजा की और राजा की रक्षा करने तथा धर्मसृष्टि की भावना करने के अधिकार का नाम सृष्ट्यधिकारिता है । <span class="GRef"> महापुराण 40.175, 187-191 </span></p> | ||
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Revision as of 16:59, 14 November 2020
द्विज् के दस अधिकारों में पाँचवाँ अधिकार । मिथ्यादृष्टियों के दूषित सृष्टिवाद से अपनी प्रजा की और राजा की रक्षा करने तथा धर्मसृष्टि की भावना करने के अधिकार का नाम सृष्ट्यधिकारिता है । महापुराण 40.175, 187-191