संसर्ग: Difference between revisions
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<span class="SanskritText">1. | <span class="SanskritText">1. <span class="GRef"> स्याद्वादमंजरी/23/284/28 </span>संसर्गे तु भेद: प्रधानम् - अभेदोगौण इति विशेष:।</span> = <span class="HindiText">संसर्ग में भेद की प्रधानता और अभेद की गौणता होती है। (<span class="GRef"> सप्तभंगीतरंगिणी/33/21 </span>)। 2. संसर्ग की अपेक्षा वस्तु में भेदाभेद - देखें [[ सप्तभंगी#5.8 | सप्तभंगी - 5.8]]।</span> | ||
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Revision as of 13:03, 14 October 2020
1. स्याद्वादमंजरी/23/284/28 संसर्गे तु भेद: प्रधानम् - अभेदोगौण इति विशेष:। = संसर्ग में भेद की प्रधानता और अभेद की गौणता होती है। ( सप्तभंगीतरंगिणी/33/21 )। 2. संसर्ग की अपेक्षा वस्तु में भेदाभेद - देखें सप्तभंगी - 5.8।