स्त्रीप्राक्स्मृतिवर्जन: Difference between revisions
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Revision as of 16:40, 19 August 2020
ब्रह्मचर्यव्रत की चौथी भावना-पूर्व में भोगे गये स्त्री संबंधी भोगों के स्मरण का त्याग । महापुराण 20. 159, 164