हेतुविचय: Difference between revisions
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<p> धर्मध्यान के दस भेदों में दसवाँ भेद-तर्क का अनुसरण और स्याद्वाद आश्रम लेकर समीचीन मार्ग का ग्रहण करना अथवा उसका चिंतन करना । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 56.50 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> धर्मध्यान के दस भेदों में दसवाँ भेद-तर्क का अनुसरण और स्याद्वाद आश्रम लेकर समीचीन मार्ग का ग्रहण करना अथवा उसका चिंतन करना । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 56.50 </span></p> | ||
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Revision as of 16:59, 14 November 2020
धर्मध्यान के दस भेदों में दसवाँ भेद-तर्क का अनुसरण और स्याद्वाद आश्रम लेकर समीचीन मार्ग का ग्रहण करना अथवा उसका चिंतन करना । हरिवंशपुराण 56.50