जयवराह: Difference between revisions
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पश्चिम में सौराष्ट्र देश का राजा था। अनुमानत: चालुक्यवंशी था। इसी के समय श्री श्रीजिनसेनाचार्य ने अपना हरिवंशपुराण (श.705 में) लिखना प्रारंभ किया था। समय–श.सं.700-725 (ई.778-803); (<span class="GRef"> हरिवंशपुराण/66/52-53 </span>); (<span class="GRef"> हरिवंशपुराण/ </span>प्र.6/पं.पन्नालाल)। | पश्चिम में सौराष्ट्र देश का राजा था। अनुमानत: चालुक्यवंशी था। इसी के समय श्री श्रीजिनसेनाचार्य ने अपना हरिवंशपुराण (श.705 में) लिखना प्रारंभ किया था। समय–श.सं.700-725 (ई.778-803); (<span class="GRef"> हरिवंशपुराण/66/52-53 </span>); (<span class="GRef"> हरिवंशपुराण/ </span>प्र.6/पं.पन्नालाल)। | ||
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<p> पश्चिम के सौराष्ट्र देश का राजा । इसी के राज्यकाल में संवत् सात सौ पाँच में श्री जिनसेनाचार्य ने <span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>लिखना आरंभ किया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>66.52-53</p> | <div class="HindiText"> <p> पश्चिम के सौराष्ट्र देश का राजा । इसी के राज्यकाल में संवत् सात सौ पाँच में श्री जिनसेनाचार्य ने <span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>लिखना आरंभ किया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>66.52-53</p> | ||
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
पश्चिम में सौराष्ट्र देश का राजा था। अनुमानत: चालुक्यवंशी था। इसी के समय श्री श्रीजिनसेनाचार्य ने अपना हरिवंशपुराण (श.705 में) लिखना प्रारंभ किया था। समय–श.सं.700-725 (ई.778-803); ( हरिवंशपुराण/66/52-53 ); ( हरिवंशपुराण/ प्र.6/पं.पन्नालाल)।
पुराणकोष से
पश्चिम के सौराष्ट्र देश का राजा । इसी के राज्यकाल में संवत् सात सौ पाँच में श्री जिनसेनाचार्य ने हरिवंशपुराण लिखना आरंभ किया था । हरिवंशपुराण 66.52-53